प्लेटीहेल्मिन्थीज का वर्गीकरण गण-स्तर || Phylum Platyhelminthes

प्लेटीहेल्मीन्थीज का वर्गीकरण गण-स्तर


फाइलम प्लैटीहैल्मीन्मीज को निम्न तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है

टर्बिलेरिया, ट्रिमेटोडा व सेस्टोडा 


क्लास-टर्बिलेरिया-

इस वर्ग के सदस्य स्वतन्त्रजीवी व मासांहारी होते हैं। इन्हें भंवर कृमि कहा जाता है। इनका शरीर पत्ती के समान चपटा होता है। एपिडर्मिम सिनसिटियल होती है व उसमें छड़नुमा रेहब्डाइट्स पाए जाते हैं। देह भित्ति पर सीलिया पाए जाते हैं। मुख अधरतल पर पाया जाता है। आहार नाल में ग्रसनी व आन्त्र पायी जाती है। स्पर्शग्राही, प्रकाशग्राही व रसायनग्राही संवदेन अंग पाए जाते हैं। चूषक अनुपस्थित, अधिकांश उभयलिंगी जीवन चक्र में लार्वा अवस्था अनुपस्थित होती है व इनमें पुनरुदभवन की तीव्र क्षमता पायी जाती है। क्लास टर्बिलेरिया में निम्न गुण पाए जाते हैं

गण-एसीला-

छोटे व समुद्रीय, आहारनाल अनुपस्थित, आटोसिस्ट अयुग्मित, उत्सर्जी तन्त्र अनुपस्थित, जनद अनुपस्थित। उदाहरण-कॉन्वोल्यूटा।

गण-रैब्डोसीला-

समुद्रीय व कुछ अलवणजलीय, अशाखित आहारनाल, तन्त्रिका तन्त्र में दो अधर अनुदैर्ध्य तन्त्रिका रज्जु पाए जाते हैं। सामान्यतया नेत्र पाए जाते हैं। प्रोटोनेफ्रीडिया पाए जाते हैं। कुछ सदस्य बाह्य मध्य वह कुछ अन्तः परजीवी होते हैं। उदाहरण माइक्रोस्टोमस ।

गण-एलोइओलसीला-

अधिकांश समुद्रीय व कफछ अलवणजलीय, आन्त्र अनियमित रूप से शाखान्वित, प्रोटोनेफ्रीडिया उपस्थित, तन्त्रिका तन्त्र में 3-4 जोड़ी अनुदैर्ध्य तन्त्रिका रज्जु पाए जाते है। यह अनुप्रस्थ रूप से जुड़े रहते हैं। जनन तन्त्र में एक जोड़ी अण्डाशय व अनेक वृषक पाए जाते हैं। उदाहरण-प्रोरिकस।

गण-ट्राइक्लेडिडा (Tricladida)-

समुद्री, अलवणजलीय या स्थलीय। इन्हें प्लेलेरियन्स कहते हैं। मुख्य-अधर पर उपस्थित, आन्त्र में तीन शाखाएं पायी जाती हैं। पार्श्व में प्रोटोनेफ्रीडिया पाए जाते हैं। जनन तन्त्र में एक जोड़ी अण्डाशय अनेक वृषण व पीतक ग्रन्थियां पायी जाती हैं। उदाहरण-डूजेसिया।

गण-पॉलिक्लेडिडा (Polyeladida)-

सभी समुद्रीय, शरीर पत्तीनुमा, आन्त्र में अनेक अन्ध डाइवर्टिक्यूला पाए जाते हैं। अग्र सिरे पर एक जोड़ी स्पर्शक, अनेक वृषण व अण्डाशय पाए जाते हैं व पीतक ग्रन्थियां अनुपस्थित होती हैं। नर व मादा जनन छिद्र अलग-अलग होते हैं। परिवर्धन के दौरान मुलरलार्वा पाया जाता है।
उदाहरण-स्टाइलोकस

वर्ग-ट्रिमेटोडा-

या फ्लूक्स कहलाते हैं। सभी परजीवी, शरीर पत्तीनुमा, सीलिया अनुपस्थित, चूषक व हुक्स पाए जाते है। पाचनतन्त्र में मुख, ग्रसनी व आन्त्र पायी जाती है। गुदा अनुपस्थित। आन्त्र द्विशाखित होती है। प्रोटोनेफ्रीडिया उपस्थित, अधिकांश सदस्य उभयलिंगी। ट्रिमेटोडा को निम्न तीन गणों में वर्गीकृत किया जाता है

गण-1. मोनोजीनिया-

बाह्य परजीवी, एकपरपोषी जीवन चक्र, एक जोड़ी उत्सर्जी छिद्र पाए जाते हैं। नर व मादा जनन छिद्र पृथक, जीवन चक्र में ओन्कोमिरासिडियम लार्वा पाया जाता है। उदाहरण-मोनोकोटाइल।

गण-2. डाइजीनिया-

अन्तःपरजीवी, मुखीय चूषक व एसिटेब्यूलम उपस्थित, चूषक पर हुक्स अनुपस्थित, द्विपरपोषी, पश्च सिरे पर एक उत्सर्जी छिद्र, अनेक लार्वा अवस्थाएं। उदाहरण-फेसियोला व शिस्टोसोमा।

गण-3. एस्पिडोबोथरिया-

अन्तःपरजीवी, मुखीय चूषक अनुपस्थित, आधार चूषक अत्यधि क बड़ा, एक उत्सर्जी छिद्र पाया जाता है। एक वृषण पाया जाता है। लार्वा अनुपस्थित। उदाहरण-एस्पिडोगेस्टर ___ क्लास-सेस्टोडा-सभी अन्तः परजीवी, कीताकृमि, स्कोलेक्स व प्रोग्लोरिडस पाए जाते हैं। आहारनाल अनुपस्थित, परिपक्व प्रोग्लोटिड में नर व मादा जननांग उपस्थित, देहभित्ति में सीलिया अनुपस्थित, अनेक ज्वाला कोशिकाएँ उपस्थित। क्लास-सेस्टोडा में निम्न गण पाए जाते हैं।

गण-1. एम्फीलीनिडिया-

मछलियों के अन्त परजीवी, बर्हिमारी प्रोबोसिस उपस्थित, नर व मादा जनन छिद्र पश्च सिरे पर स्थित है।
उदाहरण-ऐम्फीलिया।

गण-2. गाइरोकोटिलिडिया-

मछलियों का अन्तः परजीवी, पश्च सिरे पर रोजेट पाया जाता है। बहिमारी प्रोबोसिस, नर व मादा जनन छिद्र अग्र सिरे पर।

गण-3. टेट्राफिलीडिया-

उभयचर, इलेस्मोब्रेन्काई व सरीसृप अन्तःपरजीवी स्कोलेक्स पर चार वृन्तिल चूषक पाए जाते हैं जिन्हें बोथरिडिया कहते हैं। वृषण, अण्डाशय से आगे स्थित, पीतक ग्रन्थियां पाश्वों पर स्थित। उदाहरण-फिल्लोबोथ्रियम

गण-4. लिसेनीसिकेलॉइडिया-

इलेस्मोब्रेन्काई के अन्तः परजीवी शरीर खण्ड युक्त, स्कोलेक्स पर 4 चूष्क उपस्थित, वृषण अनेक पिण्डों में विभक्त व पृष्ठ पर वितरित, द्विपलित अण्डाशय, उदाहरण-प्रोटियासिकेलस 

गण-5. डाइकिलीडिया-

खण्डित, स्कोलेक्स पर 2 चूषक, ग्रीवा लम्बी, उदाहरण इकाइनोबोथरियम

गण-6. टेट्रारिन्कोइडिया-

इलेस्मोब्रेन्क के अन्तः परजीवी, शरीर खण्डित, स्कोलेक्स पर 14 चूषक, जनन छिन्द्र पाश्र्व पर स्थित।
उदाहरण-टेटोरिन्कस

गण-7. स्यूडोफिलीडिया-

लार्वा क्रेस्टेशिया में व वयस्क मछलियों, सरीसृपों व स्तनियों में पाए जाते हैं। स्कोलेक्स पर प्यालेनुमा चूषक, रॉस्टेलस व हुक्स पाए जाते हैं।
उदाहरण-यूबोथ्रियम

गण-8. टीनिऑइडिया-

पक्षियों व स्तनियों के परजीवी, स्कोलेक्स पर चार चूषक, रॉस्टेलस व हुक्स पाए जाते हैं। शरीर खण्डित, उभयलिंगी, गर्भाशय का रन्ध्र अनुपस्थित। उदाहरण-टीनिया, मोनोजिया आदि।
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