मानव तंत्र
प्रश्न 1 (a) पाचन तंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर पाचन तंत्र - भोजन के विभिन्न घटकों से ऊर्जा प्राप्त करने के लिए
सरलीकृत किया जाता है। इसप्रक्रिया को संपादित करने हेतु भोजन के अंतर्ग्रहण से
लेकर मलत्याग तक एक तंत्र जिसमें अनेको अंगग्रंथियां आदि सम्मिलित है सामंजस्य के
साथ कार्य करते हैं।यह तंत्र पाचन तंत्र कहलाता है।
(b)पाचन तंत्र में प्रयुक्त अंग व ग्रंथियों के नाम लिखिए।
उत्तर पाचन तंत्र के प्रमुख अंगग्रंथियां
1 मुख 1 लार ग्रन्थि
2 यकृत 2 ग्रसनी
3 अग्नाशय 3 ग्रासनली
4 आमाशय
5 छोटी आंत
6 बड़ी आंत
7 मलद्वार
2 - आहार नाल के तीन प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर आहारनाल के तीन प्रमुख कार्य –
(1)आहार को सरलीकृत कर पचाना
(2)पचित आहार का अवशोषण
(3)आहार को मुख से मलद्वार तक पहुंचाना।
3 दांत के विभिन्न प्रकार को समझाइए।
उत्तर दांत के प्रकार - चार प्रकार के होते हैं।
(1)कंतक - सबसे आगे के दांत होते हैं। कार्य - कुतरने व काटने
का, छः मास में निकलते हैं।
(2)रदनक - कार्य - चीरने-फाड़ने का 16 . 20 माह कि उम्र में निकलते हैं। मांसाहारी में विकसित
(3)अग्र - चवर्णक कार्य - भोजन को चबाने में सहायक प्रत्येक
जबड़े में 4 . 4 पाए जाते हैं। ये 10 . 11 वर्ष की उम्र में पूर्ण रूप से विकसित।
(4)चवर्णक - कार्य - भोजन को चबाना प्रत्येक जबड़े में 6
. 6 पाए जाते हैं। 12 से 15 माह की उम्र में निकलते हैं।
4 आहार नाल के निम्न भागों को समझाइए।
(1)ग्रासनली (2) छोटी आंत उत्तर
उत्तर (1) ग्रासनली - यह एक सक्रिय पेशीय नली है। यह ग्रसनी के निचले भाग से प्रारंभ होकर ग्रीवा तथावक्षस्थल से होती हई मध्य पट से निकल कर उदरगुहा में प्रवेश करती है। मुख्य कार्य - भोजन को मुख गुहा से आमाशय में पहुंचाना है। ग्रासनली के शीर्ष पर उत्तकों का एकपल्ला घाटी ढक्कन या एपिग्लोटिस होता है। भोजन निगलने के दौरान बन्द हो जाता है।
(2) छोटी आंत - यह आमाशय के जठर निर्गमी भाग से शुरु होकर बड़ी आंत पर पूर्ण होती है। औसत लंबाई - 7 मी. इसके तीन भाग होते हैं। (अ) ग्रहणी(ब) अग्रक्षुदांत्र (स) क्षुदांत्र कार्य - आहार नाल के इस अंग द्वारा सर्वाधिक पाचन तथा अवशोषण होता है।
5 आमाशय की संरचना व कार्यों का वर्णन करिए ?
उत्तर आमाशय की संरचना - ग्रासनली से आगे का भाग आमाशय है।Jआकार की संरचना है। आमाशय के तीन भाग है(1) कार्डियक (2) पाईलोरस
(3) फडिस
आमाशय
आमाशय के कार्य - आमाशय में भोजन का पाचन होता है। आमाशय में तीन प्रकार के स्त्राव - म्यूकस,प्रोएंजाईम पोप्सिनोजन तथा HCL द्वारा तैयार अम्लीय वातावरण में सक्रिय एंजाइम पॉप्सिन मेंपरिवर्तित हो जाता है। जठर रस में रेनिन नामक एंजाइम होता है। यह दुग्ध प्रोटीन के पाचन मेंसहायक है।
6 लार ग्रन्थि पाचन कार्य में किस प्रकार सहायक हैइसकी संरचना बताइए।
उत्तर - लार ग्रन्थि मुंह में लार उत्पन्न करती है। लार का मुख्य कार्य भोजन में उपस्थित स्टार्च का मुख मेंपाचन शुरु करना, भोजन को चिकना व घुलनशील बनाना तथा दांतों मुख गुहा व जीभ की सफाई करना है।संरचना तीन प्रकार की होती है
(अ) कर्ण पूर्व ग्रंथि - सिरमी द्रव का स्त्राव।
(ब) अधोजंभ लार ग्रंथि - तरल व श्लेष्मा का स्त्राव
स) अधोजिव्हा ग्रंथि - श्लेष्मा का स्त्राव
7 अग्नाशय ग्रंथि पाचन में किस प्रकार अपना योगदान करती है ? समझाइए।
उत्तर - अग्नाशय यह एक मिश्रित ग्रंथि है जो अंतः स्त्रावी हार्मोन इंसुलिन ग्लुकेगोंन तथा बहि स्त्रावी अग्नाशय रस का स्त्राव करती है। इस ग्रंथि द्वारा स्त्रावित विभिन्न एंजाइम आंतो में प्रोटीन,वसा तथा कार्बोहाइड्रेट के पाचन में मदद करते हैं।एंजाइम - कार्य
1 एमिलैज स्टार्च → माल्टोज
2 ट्रिप्सिन प्रोटीन → पेप्टाइड
3 लाईपेजवसा → मोनोग्लिसराइड वसीय अम्ल
8. मानवशरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि कौन सी है, यह किसके पाचन में सहायक हैं ।
उत्तर मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है यह ग्रंथि पित्त का निर्माण करती है पित्त भंडारण पित्ताशय में होता है यहां से पित्ताशय नलिका द्वारा पित्त ग्रहणी में चला जाता है पित्त वसाका पायसीकरण करता है यह वसा पाचन के लिए आवश्यक है।9 पाचन अंगों द्वारा स्रावित एंजाइमों के
नाम लिखिए ?
उत्तर - (1)लार ग्रंथि- टाइलिनएमिलेज (2) अमाशय - पेप्सिन रेनिन
(3)अग्नाशय - एमिलेज ट्रिप्सिन लायपेज न्यूकिएजेज
(4)आंत्रिय रस - मल्टोज , लेक्तेज सुक्रेस , लाइपेज , फास्फेटेज
(5) यकृत -पित्त लवण।
10 श्वसन किसे कहते हैंश्वसन तंत्र के भागों के नाम लिखिए।
उत्तर श्वसन - गैसों (Co, व 0.)के इस आदान-प्रदान की क्रिया जो पर्यावरण , रक्त और कोशिकाओं के मध्य होती है को श्वसन कहा जाता है।श्वसन तंत्र के भागों के नाम –
(1)ऊपरी श्वसन तंत्र (अ) नासिका (ब) मुख (स) ग्रसनी (द) लेरिंग्स
(2)निचला श्वसन तंत्र (अ) श्वास नली (ब) श्वशनी व श्वशनिका (स) फेफड़े (3)श्वसन मांस पेशियां
11 मानव पाचन तंत्र का नामांकित चित्र
12 श्वसन तंत्र के निम्न अंगों को समझाइए।
उत्तर (1)लेरींग्स/ स्वर यंत्र - यह कंठ ग्रसनी व श्वास नली को जोड़ने वाली एक छोटी सी संरचना है। यह नौ प्रकार की उपास्थि से मिलकर बनी होती है। भोजन को निगलने के दौरान एपिग्लोटिस स्वर यंत्र के आवरण के तौर पर कार्य करती है ।स्वर यंत्र में स्वर रज्जु झिल्लियां पाई जाती है जो बोलने में सहायक हैं।(2)श्वास नली - यह कूट स्तरीय पक्ष्माभी स्तंभ आकार उपकला द्वारा रेखीत Cआकार के उपास्थी छल्ले से बनी होती है । यह छल्ले श्वास नली को अपने आपस में चिपकने से रोकते हैं तथा इसे सदैव खुला रखते हैं श्वास नली में उपस्थित उपकला श्लेष्मा का निर्माण करती है जो श्वास के साथआने वाली वायु को शुद्ध कर फेफड़ों की ओर अग्रेषित करती है।
13 मानव श्वसन तंत्र का नामांकित चित्र
14 श्वसन में फेफड़े किस प्रकार सहायक है ? .
उत्तर फेफड़े असंख्य श्वास नली ओए कूपिकाओए रक्त वाहिनियों ए लसिका वाहिनीए लचीले तंत् झिल्लियों तथा अनेकों कोशिकाओं से बने होते हैं। प्रत्येक फेफड़े में असंख्य कोशिकाएं वकुपिकाएंपाई जाती है। कुपिका में शल्की उपकला की पंक्तियां पाई जाती है जो कोशिका में प्रवाहित रुधिर से गैसों के विनिमय में मदद करती है।
15 रुधिर कोशिकाओं के प्रकार बताइए।
उत्तर (अ) लाल रुधिर कोशिकाएं (RBC) - रक्त कोशिकाओं का 99 %। इन में हिमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है। इसका रंग लाल होता है। केंद्रक विहिन। औसत आयु 120 दिन ।(ब) श्वेत रक्त कणिकाएं (WBC) - प्रतिरक्षा प्रदान करती है। निर्माण -लाल अस्थि मज्जा में। इन्हें ल्यूकोसाइट कहते हैं रंगहीन । दो प्रकार के कणिकाणु व अकानिकाणु |
(स) बिंबाण - इन्हें थ्रोबोसाईट कहा जाता है। जीवन 10 दिन कार्य - रक्त का थक्का जमाना।
16 रक्त के कार्य बताइए।
उत्तर रक्त के कार्य –(1) 0, व co, का वातावरण तथा उत्तकों के मध्य विनिमय।
(2)पोषक तत्व का शरीर के विभिन्न स्थानों तक परिवहन
(3)शरीर का ची नियंत्रित करना ।
(4)शरीर का ताप नियंत्रण।
(5)उत्सर्जित उत्पादों को शरीर से बाहर निकालना।
17 रक्त के प्रकार समझाइए ?
उत्तर मानव रक्त को चार समूहों में विभक्त किया गया है।रक्त समूह A →लाल रक्त कणिकाओं पर प्रति जन । एवं प्रतिरक्षी ठ पाई जाती है ।
रक्त समूह B →प्रतिजन ठ व प्रतिरक्षी । रक्त समूह
AB → प्रतिजन AB प्रतिरक्षी कोई नहीं।
रक्त समूह 0→प्रतिजन नहीं वह प्रतिरक्षी AB
18 रक्त परिसंचरण किसे कहते हैं ?
उत्तर रक्त परिसंचरण - परिसंचरण तंत्र विभिन्न अंगों का एक संयोजन है जो शरीर की कोशिकाओं केमध्य गैसों , पचे हए पोषक तत्वए हार्मोनए उत्सर्जि पदार्थों का परिवहन करता है। मानव में बंद परिसंचरण तंत्र पाया जाता है जिसमें रक्तए हृदय तथा रक्त वाहिनियां सम्मिलित होते हैं।19 मानव हृदय का नामांकित चित्र
20 धमनी और शिरा में अंतर बताइए ।
उत्तर धमनी - वे वाहिकाएं जिनमें ऑक्सिजनित साफ रक्त प्रवाहित होता है धमनी कहलाती है । यह ह्रदय से रक्त को आगे पहुंचाती है। शिरा - वे वाहिकाएं जिनमें ओक्सिजनित अपशिष्टयुक्त रक्तप्रवाहित होता है। ये रक्त को हृदय की ओर ले जाती है।
21 हृदय आवरण किसे कहते हैं ? इसके कार्य लिखिए ।
उत्तर ह्रदय आवरण एक दोहरी भित्ति के झिल्लीमय आवरण द्वारा घिरा हुआ रहता है इसे हृदय आवरण कहते हैं । कार्य-हृदय आवरण में हृदय आवरणी द्रव्य पाया जाता है।यह द्रव्य की बाहरी आदतों से रक्षा करता है।22 मानव उत्सर्जन तंत्र का नामांकित चित्र
23 वृक्क की संरचना व कार्य बताइए ।
उत्तर वृक्क की संरचना - मुख्य उत्सर्जन अंग। उदर गुहा में पीठ की ओर आमाशय के नीचे कशेरुक दंड के दाएं और बाएं भाग में स्थित है ।प्रत्येक वृक्क के 2 भाग होते हैं बाहरी वल्कुट तथा भीतरी मध्यांश | प्रत्येक वृक्क कई लाख उत्सर्जन इकाइयों से मिलकर बना होता है जिन्हें वृक्क अणु नेफ्रॉन कहा जाता है ।कार्य - यह शरीर से करीब 75 80: तरल अपशिष्ट को बाहर निकालता है। साथ ही शरीर में स्त्रावसमस्त रसों को नियंत्रित करता है।
24 मूत्र निर्माण कि
प्रक्रिया समझाइए ?
उत्तर मूत्र
निर्माण प्रक्रिया- मूत्र निर्माण तीन चरणों में संपादित होता है। (1)गुच्छिय निस्पंदन (2) पुनःअवशोषण (3)स्त्रावण यह क्रिया
वृक्क में होती है। वृक्क धमनी द्वारा अपशिष्ट पदार्थों युक्त रुधिरनेफ्रॉन के
बोमेन संपुट में लाया जाता है बोमन संपुट में कोशिकाओं के गुच्छे द्वारा निस्पंदन कार्यपूरा होता है। रक्त में से ग्लूकोस लवण एमिनो अम्ल बोमन संपुट में आ जाते हैं। यहां उपयोगी पदार्थों का पुनः अवशोषण होता है। यूरिया आदि अपशिष्ट पदार्थों से मूत्र निर्माण होता है।
25 मानव वृक्कानू का नामांकित चित्र
26 वृक्क के अतिरिक्त
उत्सर्जन में प्रयुक्त अंगो के नाम लिखिए |
उत्तर- वृक्क के
अलावा निम्न उत्सर्जन में सहायक है। फेफड़े, त्वचा, यकृत। फेफड़े CO2 का, यकृत बिलीरुबिन
वृक्क के वीरडिन, विटामिन स्टीरॉयड
हार्मोन आदि का मल के साथ उत्सर्जन करने में मदद करते हैं। 27 लड़कों में यौवन आरंभ के लक्षण लिखिए ।
उत्तर- लड़कों में यौवनारंभ के लक्षण - (1) आवाज का भारी होना। (2) दाढ़ी मूछ आना । (3) कान एवं जननांगों क्षेत्र में बालों का आना। (4) त्वचा तेलीय।28 लड़कियों में यौवन आरंभ के लक्षण लिखिए।
उत्तर- (1) स्तन का बनना तथा आकार में वृद्धि।(2) त्वचा का तेलीय होना। (3) जननांग क्षेत्रों में बालों का आना। (4) रजोधर्म का शुरु होना।
29 नर जनन तंत्र का नामांकित चित्र
30 नर जनन तंत्र की प्राथमिक लैंगिक अंगों को समझाइए।
उत्तर- प्राथमिक लैंगिक अंग - यह वे अंग होते हैं जो या तो युग्मको का निर्माण करते हैं साथ ही यह कुछहार्मोन का स्त्राव करते हैं। नर में जनन वृषण कहलाते हैं। शुक्राणुओं का निर्माण करते हैं |मानव मेंएक जोड़ी वृषण पाए जाते हैं। वृषण के दो भाग होते हैं - प्रथम जो शुक्राणु निर्माण तथा द्वितीय अंतः स्त्रावी ग्रंथि के तौर पर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्त्राव करता है।31 निम्न को समझाइए
(a)शुक्राशय (b)प्रोस्टेट ग्रंथि(a) शुक्राशय - शुक्रवाहिनी शुक्राणु संग्रहण के लिए एक थेली जैसी संरचना जिसे शुक्राशय कहते हैं मेंखुलती है शुक्राशय एक तरल का निर्माण करता है जो शुक्राणु को गति देता है।
(b)प्रोस्टेट ग्रंथि - यह बाहर स्त्रावी ग्रंथि है जो एक तरल पदार्थ का निर्माण उत्सर्जन करती है। यहतरल वीर्य का भाग बनता है तथा शुक्राणु को गति प्रदान करता है।
32 मादा जनन तंत्र का नामांकित चित्र
33 मादा जनन तंत्र के प्राथमिक लैंगिक अंगों को समझाइए।
उत्तर मादा जनन अंग - एक जोड़ी अंडाशयप्रमुख कार्य - (1) अंडाणु का निर्माण (2) हार्मोन निर्माण - एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टेरोन अंडाशय मेंअसंख्य अंडाशयी पुटिकाए पाई जाती है। यह अंडाणु का निर्माण करती है। अंडाणु परिपक्व होकरअंडाशय से अंडवाहिनी से होकर गर्भाशय तक पहंचता है
34 निम्न को समझाइए। (1)गर्भाशय (2) अंड वाहिनी
(1) गर्भाशय :- गर्भाशय उदर भाग के निचले भाग में मूत्र थैली तथा मलाशय के मध्य स्थित खोखला मांसल अंग है जहां दोनों अंड वाहिका गर्भाशय में शुक्राणु द्वारा निषेचन अंड स्थापित हो भ्रूण काविकास होता है।(2) अंड वाहिनी :- अंड वाहिनी की नलियां अंडाणु को अंडाशय से गर्भाशय तक पहुंचाने का कार्य करती है। यह निषेचन क्रिया के लिए अनुकूल परिस्थतियां बनाने में मदद करती है।